Why Plaza de España is Spain’s Best-Kept Secret! | Travel With Javed Chaudhry

मैं आज आपको बड़ी ही दिलचस्प सी जगह दिखाऊंगा इसे प्लाजा डी एस्पाना कहते हैं और यसे आप इसको स्पेनिश प्लाजा भी कह सकते हैं और इसे आप स्पेनिश पैलेस भी कह सकते [संगीत] हैं जब आप सिविया जाते हैं सिविया मैंने आपको पहले बताया था कि बहुत ही खूबसूरत शहर है और यह शहर पहले मुसलमानों का होता था कभी अशब इसको अरबी में कहते थे और सिविया जो है उसको स्पेनिश जबान में कहते हैं और सिविया इसको इंग्लिश में लिखते हैं और यह पहला शहर था जो फाल हुआ था जो क्रिश्चियंस ने मुसलमानों के हाथ से छीना था और यह शहर इतना जबरदस्त था कि एक वक्त था जब यहां पे किताबों की मंडी लगती थी यानी पूरी दुनिया से जो हाथ से लिखे हुए किताबों के नुस्खे होते थे वह यहां लाए जाते थे और उस उसके बाद पूरी दुनिया से लोग वहां पर आते थे नीलामी में हिस्सा लेने के लिए वहां पर फिर किताब उठाई जाती थी किताब दिखाई जाती थी लोगों को और फिर उसकी उसकी बाकायदा बोली लगती थी और बोली लगने के बाद बड़े-बड़े अमीर लोग यहां से किताबें खरीद के जाते थे इसलिए से किताबों की मंडी भी कहा जाता था फिर कोलंबस का ताल्लुक इसी शहर के साथ था वह यहीं से उसने अमेरिका दरयाफ्त करने के लिए गया था और जब फर्डिनेंडो ने फतह किया पूरा स्पेन यानी ये उलस जिसको कह ले या स्पेन का वो इलाका जो मुस्लिम इलाका है उसको उदल अस कहते थे जब उसने मुकम्मल तौर पर उदल फतह कर लिया क्योंकि वो फर्डिनेंडो और उसकी जो बेगम है उस अजा बेला उन दोनों का ताल्लुक इसी शहर के साथ था और यहीं से उन्होंने गनाडा के ऊपर हमला किया था फिर जब उन्होंने नाता फतह कर लिया तो उसके बाद फिर कोलंबस जो थे यहां मलका के पास आ गया और उसके पीछे एक बड़ी दिलचस्प किस्म की कहानी है कहानी यह है कि जब अजा बेला और फर्डिनेंडो ने यह फैसला किया कि हमने हर सूरत कर नाथा फतह करना है तो कोलंबस उनके पास आया क् कोलंबस के पास एक नक्शा सा बना हुआ था और उसका ख्याल यह था कि यहां से जो हमारे शिप्स जाते हैं इंडिया वो 6 महीने लगा देते हैं और अगर मैं एक नया रास्ता दरयाफ्त करूं तो यह 6 महीने का जो फासला है इसे मैं एक महीने तक ला सकता हूं तो उसने बाकायदा नेविगेशन के जरिए एक पूरा सिस्टम बनाया और उस सिस्टम को व बादशाह के पास ले गया मलका के पास ले गया और उससे कहा कि आप अगर आप मुझे इजाजत दें थोड़ा सा शरमाया भी दें तो मैं ये चाहता हूं कि मैं शिप्स को इस रास्ते से इंडिया तक ले जाऊं और इससे हमारा बहुत सारा खर्चा बच जाएगा और यह आप जहन में रखें कि 1492 यानी मैं बात कर रहा हूं 1492 की 1492 में इंडिया के ऊपर जो कब्जा था वो ब्रिटिश का नहीं था बल्कि यहां पे तीन-चार ऐसे बड़े आइलैंड्स थे जिनके ऊपर स्पेनिश कापस थे तो यहां जो सारी तिजारी मंडियां थी इंडिया के अंदर वो सारी की सारी जो उस जमाने की उसको स्पेनिश हैंडल करते थे और वही वहां से जो जहाज से यूरोप से यहां लेकर आते थे तो कोलंबस ने जब अपना प्रोजेक्ट पेश किया तो मलका बेला और फर्डिनेंडो ने कहा कि भाई बात यह है कि हमारे पास पैसे नहीं है क्योंकि हमने अपना जितना समाया वो सारे का सारा हमने लगा दिया जंग के ऊपर तो अगर नाता फतह हो गया और वहां से कोई खजाना वगैरह मिला तो फिर तो हम तुम्हें फाइनेंस कर सकते हैं स्पांसर कर सकते हैं वैसे हम नहीं करेंगे तो कोलंबस ने उनके साथ डील कर ली कि जनाब इस है कि जब नाता फतह कर लेंगे तो कुछ ना कुछ आप मुझे पैसे दे दीजिएगा ताकि मैं यह नया रूट दरयाफ्त कर लूं तो मलका ने कहा ठीक है क्योंकि मलका और जो बादशाह दोनों को यकीन नहीं था कि वो नाता फतह कर सकेंगे बहरहाल कोलंबस उनके साथ शामिल हो गया और जब नाता फतह किया तो कोलंबस वहां पर मौजूद था वो उस बाकायदा और जब वो बाकायदा सरेंडर के डॉक्यूमेंट साइन हुए और नाता की चाबियां मलका अजा बेला और फर्डिनेंडो के हवाले की गई तो उस वक्त वहां पे कोलंबस मौजूद था लिहाजा अगर आप ग नाता जाएं तो वहां जो मेन स्क्वेयर है उसके अंदर एक बुत बना हुआ है बाकायदा और उसके अंदर चाबी जो है अबू अबू अब्दुल्ला मोहम्मद जो आखिरी बादशाह था अ मुसलमानों का नाता के अंदर वो चाबी पेश कर रहा है फर्डिनेंडो और स्पेला को और उनके पीछे जो है ना वो उस वक्त कोलंबस खड़ा है तो कोलंबस इतना इंपॉर्टेंट था उस जमाने में तो बहरहाल वो फतह हो गया फतह हो गया तो फिर कोलंबस पहुंच गया उनके पास उन्होंने कहा जनाब अब मेरा हिस्सा दें क्योंकि आपने मेरे साथ वादा किया था तो बादशाह और मलका को बड़ा गुस्सा आया कि इसके साथ बिला वजह हमने मायदा करके या इसके वादा करके तो हमने अपने पैसे जाया किए बहरहाल उन्होंने उसको रकम दे दी और उसके उसके बाद वो चला गया फिर उसने दरयाफ्त कर लिया अमेरिका अमेरिका जब दरयाफ्त किया और स्पैनिश ने वहां जाकर कानून बनानी शुरू की तो एक नई दुनिया खुल गई उसके बाद तो वो सारा सिलसिला चलता रहा अब यह याद रखें कि जो 1900 शुरू था ना 1900 का 1920 या 1915 उस वक्त जो स्पेन था वो बहुत ज्यादा डाउन हो गया था इतना जदा डाउन हो गया था कि इसे मर्दे बीमार कहा जाता था यूरोप का एक ऐसा मर्द जो बीमार है और मरने के करीब है तो उस वक्त फिर बादशाह ने सोचा कि वो इलाके जो हमने कभी दरयाफ्त किए थे कोलंबस की मदद से वहां से उन सबको यहां बुलवाया जाए और यहां बुलवाकर उनसे रिक्वेस्ट की जाए कि अब आप हमारी मदद करें क्योंकि आज से 500 साल पहले हमने आपकी मदद की थी तो उन्होंने सबको दावत दी जो लैटिन अमेरिका के तमाम मुल्क जो हैं उन सबको कहा कि सीविया के अंदर आके अपने कौंसिल खाने खोले यहां पर अपनी तिजार मंडियां कायम करें और उसके बाद ट्रेड नए नए सिरे से स्टार्ट करें ताकि जो स्पेन है उसकी इकॉनमी बेहतर हो सके तो उस वक्त फिर उन मुल्कों ने एग्री कर लिया जब एग्री कर लिया तो फ यहां पे एक बहुत बड़ा पैलेस बनाया गया और यह पैलेस 1929 में बना और इस पैलेस की अब मैं आपको सैर करवाऊंगी ये इसका आर्किटेक्चर बड़ा जबरदस्त है एक तो सुर्ख ईंटें लगी हुई है उसके अंदर आप देखेंगे कि छोटे-छोटे बॉर्डर्स लगे हुए हैं फिर उसके अंदर ग्रीन कलर है ब्लू कलर है और अगर आप इनके अंदर जाकर देखें तो आपको कॉरिडोर्स नजर आते हैं दूर-दूर तक बरामदे हैं फिर सामने एक पानी का तालाब है बहुत बड़ा तालाब है और इसके अलावा वहां पे बहुत ज्यादा पवेलियंस बनाए गए हैं जो स्पेन की मु मुख्तलिफ जो अहद है मुख्तलिफ जो दौर है उनको रिप्रेजेंट करते हैं उस मुसलमानों के दौर भी हैं फिर उसके अंदर कोलंबस का दौर भी है फिर उसके अंदर फर्डिनेंडो का दौर भी है वो सारे अद्वार जो हैं इसके अंदर मुख्तलिफ जगहों पर नजर आते हैं आपको और यह जो इसका आर्किटेक्ट था गुन साले था और बड़ा मशहूर आर्किटेक्ट था ये स्पेनिश आर्किटेक्ट है और इसकी भी एक कहानी है कि जब इसने यह बनाना शुरू किया था तो बहुत मुश्किल था इसको बनाना इसको मुकम्मल करना इस दौरान पैसे खत्म हो गए गवर्नमेंट के पास उन्होंने इसको निकाल दिया लेकिन इसके बावजूद केला ही वहां पर लगा रहा और उसके बाद जब यह मुकम्मल हुआ तो ये एक बड़ा शाहकार था जिसे देखकर दुनिया हैरान हो गई और आज जो सिर्फ टिकट्स बेचे जाते हैं इसके उससे इतने ज्यादा पैसे कमाए जाते हैं कि अगर उस जमाने में ये पैसे उसको दे दिए जाते 1929 में तो इस टाइप के छह पैलेस वो बना सकता था तो अगर उस वक्त यह काम मुकम्मल ना होता तो आज सीबीआई की गवर्नमेंट जो है या लोकल गवर्नमेंट जो है उसको इतना पैसा ना मिलता जितना सिर्फ इस पैलेस से मिल रहा है तो जरूर जाए सीविया ये पैलेस जरूर देखें और मैं भी आपको अपनी आंखों से अपने कैमरे से ये दिखा रहा हूं सीविया शहर है और इसको अरबी में अमेलिया कहते थे जब मुसलमानों का दौर था तो ये शहर है शमिलिया होता था और अब ये सीविया शहर है ये कोलंबस का शहर है कोलंबस यहां से अमेरिका दरयाफ्त करने के लिए गया था और यहीं पे उसकी कबर भी है उसकी कबर जो कोलंबस की व एक बहुत बड़ी तारीख है कि कोलंबस अ मेडेड के करीब उसका इंतकाल हुआ था फिर उसका बेटा उसकी लाश यहां लेके आया और यहां पे एक बाहर एक मिजार है जहां पर उसको दफन कर दिया गया था 1506 में 10 साल वो यहां रहा 1516 तक और उसके बाद डोमेनिका जो कैरिबियन मुल्क है वहां पर कोलंबस के बेटे की हुकूमत थी फिर उसकी लाश यहां से निकाल के वहां ले गए फिर डोमेनिका के अंदर जब प्रॉब्लम हुआ तो वहां से फिर उसकी लाश क्यूबा हवाना शिफ्ट कर दी गई और हवाना के अंदर जब प्रॉब्लम्स हुए क्योंकि ये कॉलोनी थी इनकी स्पेनिश की और जब वहां पर हालात खराब हुए तो हवा से फिर 1901 में उसकी लाश निकाल के यहां पर एक बजार में एक चर्च है उसके अंदर दफन की गई थी वो फिर मैं आज आपको वो वाली जगह भी दिखाऊंगा ये एक पैलेस है जो 1929 को बना था जब ये सबसे पहले यहां पर एक नुमाइश लगाई गई थी अमेरिकन मुल्कों की वो तमाम मुल्क जो दरयाफ्त किए थे कोलंबस ने तो यह उस वक्त एक पैलेस बनाया गया लेस की तरफ से आज है तारीख 11 और महीना है नवंबर और सन 20188 और मैं सीविया शहर [संगीत] [संगीत] में स्न की तारीख में दो तारीखें बहुत इंपॉर्टेंट है 1929 1929 को सीविया के अंदर एक नमा हुई थी दुनिया की सबसे बड़ी नमा है जहां से नशों का आगाज हुआ था और सीविया शहर में और उसकी वजह ये थी क्योंकि अमेरिका दरयाफ्त हुआ था इसी शहर की वजह से तो अमेरिका के तमाम मुल्क जो लेटन अमेरिका के मुल्क भी है और अमेरिका और कनाडा भी है तो उन्होंने यहां प 1929 में स्पेन के साथ मिलकर एक नवाय की थी इस शहर में उसकी याद में कि यह वो शहर है जिसने हमें कनेक्ट किया था दुनिया के साथ तो 1939 में जब नमा इश का फैसला हुआ था तो स्पेन के बादशाह ने यहां पे उन तमाम मुल्कों को जिसको कोलंबस ने दरयाफ्त किया था या जहां पर स्पेनिश की गवर्मेंट रही थी उन तमाम मुल्कों को यहां बुलवाया और हर मुल्क ने यहां पर अपना एक पैलेस बनाया उस माई से पहले ये जो पैलेस है ये स्पेन का पैलेस है जो बादशाह ने अपने लिए बनवाया था ताकि इस न माइश के लिए तो ये 1929 में बड़ा शानदार ये बनाया पैलेस जो कहते हैं कि 1929 की अगर नमा ना होती तो स्पेन कभी भी तरक्की ना करता क्योंकि वो तरक्की का नुक्ता आगाज था तो ये बादशाह सलामत ने अपने लिए स्पेन की तरफ से ये पैलेस बनवाया था और इसमें इसका कमाल ये है कि इसमें आपको नीली रंग की टाइल नजर आती है और साथ आप ये देखिए स ये मुसलमानों की याद है क्योंकि ये मुसलमान छोड़ के गए थे नीले और सफेद रंग की टाइलें तो इस पूरे पैलेस के अंदर सफेद और नीले रंग की टाइलें लगी है जो मुसलमानों की याद है तो ये बहुत ही खूबसूरत पैलेस है कभी सिविया आए तो इसको जरूर देखिएगा और जब आप सिविया जाएं मेरी रिकमेंडेशन है कि सिविया आप जरूर जाएं और वहां जाके इस पैलेस को आप जरूर देखिएगा आप यकीन करें कि आप वहां जाके बहुत खुश होंगे और आपको वाकई खुशी मिलेगी क्योंकि वाकई जबरदस्त है 100 साल पुराना हो गया है लेकिन ऐसा लगता है जैसे अभी कल ही बनाया है [संगीत]

Join me as we explore one of Spain’s most breathtaking landmarks: Plaza de España in Seville! This architectural masterpiece is a blend of stunning design, rich history, and vibrant culture. Discover the hidden secrets and fascinating stories behind this iconic plaza, and see why it’s a must-visit destination for travelers. From its picturesque bridges and colorful tiles to its beautiful gardens and fountains, Plaza de España will leave you in awe. Don’t miss out on this unforgettable journey through one of Spain’s true gems – hit play and let’s explore together!

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